विधायक निधि घोटाले में मुख्तार अंसारी को नहीं मिली राहत

विधायक निधि घोटाले में बाहुबली मुख्तार अंसारी को उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिली है। इम मुद्दे में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने डीएम मऊ को विद्यालय के फोटोग्राफ सहित सीलबंद लिफाफे में विस्तृत रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। बता दें कि मुख्तार अंसारी ने विद्यालय भवन निर्माण के लिए विधायक निधि दी थी।
कोर्ट ने डीएम से बोला है कि मौके पर जाकर विद्यालय का सर्वे कर फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट पेश करें। साथ ही बोला है कि अपनी रिपोर्ट में बताये कि विद्यालय कहां है, प्रिंसिपल और प्रबंधक कौन है, विद्यालय में किस कक्षा तक पढ़ाई होती है, कुल कितने विद्यार्थी दर्ज़ हैं, विद्यालय की मान्यता है या नहीं, कितने अध्यापक कार्यरत हैं, विद्यालय का वार्षिक बजट कितना है और आय के क्या श्रोत हैं, विद्यालय सरकारी सहायता प्राप्त है या नहीं। न्यायालय ने डीएम मऊ को सीलबंद लिफाफे में विस्तृत रिपोर्ट 19 मई तक पेश करने का आदेश दिया है। इस मुद्दे में 20 मई को अगली सुनवाई होगी।
20 मई को होगी मुद्दे की अगली सुनवाई
याची अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय का बोलना है कि उसे फंसाया गया है, विधायक निधि सीडीओ द्वारा जारी की जाती है, जिसमें विधायक की कोई किरदार नहीं होती है। वहीं, गवर्नमेंट की तरफ से अपर शासकीय अधिवक्ता ने कहा- कुछ ऐसे तथ्य है जिन्हें दाखिल किया जाना महत्वपूर्ण है। सह अभियुक्त का प्राइवेट कालेज है जिसे विधायक निधि दी गई है, लेकिन कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया है। बता दें कि विद्यालय गुरू जगदीश सिंह बैजनाथ पहलवान उच्चतर विद्यालय सरवां, मऊ में स्थित है, जिस पर विधायक निधि के घपले का आरोप लगाया गया है। यह सुनवाई जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच में हुई है।