Bastar Naxal: बस्तर में पिछले 3 वर्षों में नक्सलवाद काफी कमजोर हुआ है। इसके पीछे वजह ये है कि अब गांव-गांव तक विकास पहुंच रहा है और पुलिस कैंप खुलने से उग्रवादी लगातार बैकफुट पर हैं। जिसकी वजह से नक्सलवाद से निपटने के लिए अब गोली का उत्तर गोली से देने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है। ये बयान प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल ने दिया है। दरअसल अपने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के अनुसार सीएम बस्तर पहुंचे हुए हैं और शुक्रवार को प्रेसवार्ता के दौरान सीएम ने बोला कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकाल में बस्तर में नक्सलवाद काफी बैकफुट पर है।
कमजोर पड़ रहा नक्सलवाद
नक्सल मोर्चे पर तैनात जवान ग्रामीणों का दिल जीत रहे हैं। यही वजह है कि ग्रामीण भी अब उग्रवादियों का साथ छोड़ मुख्यधारा में लौट रहे हैं और अपने गांवो में मूलभूत सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। सीएम ने बताया कि नक्सलवाद को मैंने निकट से देखा है और अधिकतर घटना के बाद मैं स्वयं उस स्थान पहुंचा हूं। ऐसे में इन 3 वर्षों में गवर्नमेंट ने जो रणनीति बनाई है उससे नक्सलवाद कमजोर पड़ रहा है।
मुख्यधारा से जुड़े ग्रामीण
मुख्यमंत्री ने बोला कि नक्सलवाद पनपने का सबसे मुख्य कारण था ग्रामीणों का गवर्नमेंट पर से विश्वास समाप्त होना। ग्रामीण जवानों को अपना शत्रु समझ रहे थे जिस वजह से ग्रामीण जवानों और प्रशासनिक ऑफिसरों के बीच दूरी बन गई थी। इसे पाटने का काम हमने किया है। इससे लोग काफी आकर्षित हुए और नक्सलवाद से हटकर मुख्यधारा से जुड़े। जिस वजह से बस्तर में नक्सलवाद काफी कमजोर हुआ।
जल जंगल जमीन के अधिकार पर फोकस
मुख्यमंत्री ने बोला कि कांग्रेस पार्टी के इन तीन वर्ष के कार्यकाल में खासकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गवर्नमेंट ने सिर्फ ग्रामीणों के जल जंगल जमीन के अधिकार पर फोकस किया। ग्रामीण जल जंगल जमीन से जुड़ी जो भी सुविधा या योजना चाह रहे थे उसे गवर्नमेंट ने पूरा किया और अभी भी पूरा करते आ रही है। वन अधिकार पट्टा, वन संसाधन मान्यता प्राप्त, तेंदूपत्ता बोनस, धान समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी जैसी कई योजनाओं से अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों को फायदा मिला।
अपनाई ये नीति
जिसके चलते उग्रवादियों ने ग्रामीणों पर से अपना विश्वास खो दिया और ग्रामीण ने गवर्नमेंट का साथ दिया। सीएम ने बोला कि बस्तर में अब नक्सलवाद से निपटने के लिए गोली के बदले गोली नहीं बल्कि विकास, विश्वास और सुरक्षा के तर्ज पर गवर्नमेंट काम कर रही है।
अबूझमाड़ में सर्वे का काम
मुख्यमंत्री ने बोला कि जिस क्षेत्र को उग्रवादियों का गढ़ बोला जाता था उस अबूझमाड़ में गवर्नमेंट ने सर्वे का काम प्रारम्भ कराया और यहां करीब 2500 किसानों को उनकी जमीन का पट्टा दिया। इंद्रावती नदी पर नक्सलगढ़ को जोड़ने के लिए नए पुल बनाए गए और गांव में राशन दुकान खुले। आंगनबाड़ी केंद्र खोला गया, विद्यालय खोला गया और ग्रामीणों को सारी सुविधा भी मिल रही है। यही वजह है कि नक्सलवाद तेजी से कमजोर पड़ा और अब जवानों को नक्सलवाद से निपटने के लिए गोली भी कम चलाना पड़ रहा है।
कुछ लोग कर रहे कैंप का विरोध
इसके अतिरिक्त कुछ जगहों पर नए कैंप के विरोध पर सीएम से पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने बोला कि अभी भी विरोध करने वाले कुछ लोग हैं, लेकिन उनके विरोध से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मुख्यमंत्री बताया कि उन्हें लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस कैंप खोलने के लिए आवेदन मिल रहे हैं। पहले से स्थिति काफी सुधरी है।
यही वजह है कि कैंप खुलने से जवान ग्रामीणों का दिल जीत कर उनकी सहायता कर रहे हैं। सीएम ने बोला कि नक्सलगढ़ में कई वर्षों से सिर्फ कैंप खोलने का प्रस्ताव था लेकिन अब इन 3 वर्षों में लगातार पुलिस कैंप खुलने से उग्रवादी संगठन लगातार बस्तर में कमजोर पड़ रहा है।